The Basic Principles Of baglamukhi shabhar mantra
The Basic Principles Of baglamukhi shabhar mantra
Blog Article
फिर कन्या के हाथ में यथा शक्ति दक्षिणा रख कर उससे आशीर्वाद लेकर रात्रि में इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप कर पुनः शत्रु को दंड देने हेतु प्रार्थना कर दे। सात दिन लगातार इस प्रयोग से माँ पीताम्बरा शत्रु को मृत्यु तुल्य दंड देती है, जैसा मैंने देखा है। प्राण प्रतिष्ठित बगलामुखी यन्त्र को सामने रखें और हल्दी माला से इस बगलामुखी का जप करें
ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।
ऋषि श्रीवशिष्ठ द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी
वास्तव में शाबर-मंत्र अंचलीय-भाषाओं से सम्बद्ध होते हैं, जिनका उद्गम सिद्ध उपासकों से होता है। इन सिद्धों की साधना का प्रभाव ही उनके द्वारा कहे गए शब्दों में शक्ति जाग्रत कर देता है। इन मन्त्रों में न भाषा की शुद्धता होती है और न ही संस्कृत जैसी क्लिष्टता। बल्कि ये तो एक साधक के हृदय की भावना होती है जो उसकी अपनी अंचलीय ग्रामीण भाषा में सहज ही प्रस्फुटित होती है। इसलिए इन मन्त्रों की भाषा-शैली पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता है तो वह है इनका प्रभाव महसूस करने की।
विलयानल-सङ्काशां , वीरां वेद-समन्विताम् । विराण्मयीं महा-देवीं, स्तम्भनार्थे भजाम्यहम् ।।
पाणिभ्यां वैरि-जिह्वामध उपरि-गदां विभ्रतीं तत्पराभ्याम् ।
स्तम्भनास्त्र-मयीं देवीं, दृढ-पीन-पयोधराम् । मदिरा-मद-संयुक्तां, वृहद्-भानु-मुखीं भजे ।।
यदि आप निरपराधी हैं और शत्रु आप पर लगातार तंत्र का दुरूपयोग कर आप को परेशान कर रहा है, तब माँ के दंड विधान प्रयोग करने में विलम्ब न करें, जब तक दुष्ट को उसकी दुष्टता का दंड नहीं मिल जाता, वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता ही रहता है।
भगवती बगला के अनेक ‘ ध्यान’ मिलते हैं। ‘तन्त्रों’ में विशेष कार्यों के लिए विशेष प्रकार के ‘ध्यानों’ का वर्णन हुआ है। यहाँ कुछ ध्यानों का एक संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि बगलोपासकों के लिए यह संग्रह विशेष उपयोगी सिद्ध होगा, वे इसे कण्ठस्थ अर्थात् याद करके विशेष अनुभूतियों को प्राप्त करेंगे। चतुर्भुजी बगला
वास्तव में शाबर-मंत्र अंचलीय-भाषाओं से सम्बद्ध होते हैं, जिनका उद्गम सिद्ध उपासकों से होता है। इन सिद्धों की साधना का प्रभाव ही उनके द्वारा कहे गए शब्दों में शक्ति जाग्रत कर देता है। इन मन्त्रों में न भाषा की शुद्धता होती है और न ही संस्कृत जैसी क्लिष्टता। बल्कि ये तो एक साधक के हृदय की भावना होती है जो उसकी अपनी अंचलीय ग्रामीण भाषा में सहज ही प्रस्फुटित होती है। इसलिए इन मन्त्रों की भाषा-शैली पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता है तो वह है इनका प्रभाव महसूस करने की।
Oh Mata Baglamukhi, check here we pray that you simply wipe out our sins, deliver prosperity into our lives and fulfil our dreams.
ऋषि श्रीनारद द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी
This suggests she is so strong enough to create the goal motionless and even now. Worshipping Ma Baglamukhi is the guaranteed way to manage the enemies and get around them. Even so, with evil intentions, the mantras can only give destructive benefits.
Baglamukhi Mantra is particularly suggested for people in administrative and managerial positions, lawmakers, those who are in financial debt or have lawful challenges, etc.